बिरसा की धरती पर एकता का संदेश.कुसमी में परंपराओं संग मना महोत्सव
दर्रीपारा में आदिवासी समाज ने सांस्कृतिक परंपराओं के साथ जननायक बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि, बसंत कुजूर ने एकता बनाए रखने पर दिया जोर

बलरामपुर जिले के कुसमी क्षेत्र में जननायक बिरसा मुंडा की जयंती उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर तथा महिला संरक्षण पदाधिकारी महिमा कुजूर की विशेष मौजूदगी रही।
जयंती समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथियों के स्वागत एवं पारंपरिक रीति–रिवाजों के साथ की गई। इसके बाद बिरसा मुंडा की पूजा–अर्चना कर उन्हें नमन किया गया।
कार्यक्रम स्थल पर मंच के माध्यम से सांस्कृतिक गीत–संगीत एवं पारंपरिक नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उत्सवमय कर दिया। कुसमी एवं आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण व समाजजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
यह भव्य आयोजन कुसमी के दर्रीपारा में किया गया, जहाँ आदिवासी समाज के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ गर्व से जुड़े नजर आए।
वहीं, सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “सरकार हमें लालीपॉप दिखाकर हमारे आदिवासी समाज को कमजोर कर रही है। जल–जंगल–जमीन को समाप्त किया जा रहा है और हमें अंधेरे में रखकर आदिवासी समाज की बातों को दबाया जा रहा है। ऐसे समय में हम सभी को एकजुट होना होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “अगर हम बिरसा मुंडा को श्रद्धा से फूल–माला अर्पित करते हैं, तो हमें उनके आदर्शों पर भी चलना होगा। समाज के किसी भी कार्यक्रम में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। एकता ही हमारी शक्ति है, अन्यथा हमारी आदिवासी रीति–रिवाज और संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी।”
कार्यक्रम में कुलदीप तिर्की, तारा नगेशिया, गोवर्धन उरांव, लक्ष्मी प्रसाद निकुंज, रामचंद्र निकुंज, सुनील नाग, अंबिकेश्वर पैकरा, दीपक बुनकर, गायत्री उर्मले, मंगल साय उरांव, धिरजन उरांव, चंद्रदेव उरांव, मुनेश्वर नाग सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
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