“होमवर्क का बहाना, बच्चे को चमगादड़ की तरह पेड़ पर टांग दिया… वीडियो वायरल, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा!”
होमवर्क नहीं करने पर मासूम को दी गई तालिबानी सज़ा.सूरजपुर में निजी स्कूल की शर्मनाक हरकत, घंटों पेड़ से लटकाया बच्चा.ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, शिक्षा विभाग हरकत में..

सूरजपुर.. जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। नारायणपुर इलाके के हांसवानी विद्या मंदिर निजी स्कूल में नर्सरी में पढ़ने वाले एक मासूम बच्चे को सिर्फ इसलिए पेड़ से घंटों लटका दिया गया क्योंकि उसने होमवर्क पूरा नहीं किया था।
इस बर्बर और अमानवीय सज़ा को देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। घटना की वीडियो वायरल होने के बाद पूरे क्षेत्र में रोष फैल गया है।
कैसे सामने आया मामला?
गांव के एक ग्रामीण ने देखा कि स्कूल परिसर के पास एक मासूम बच्चे को रस्सी के सहारे पेट के बल पेड़ से लटकाया गया है। वह लगातार दर्द में तड़प रहा था—लेकिन कोई शिक्षक उसे नीचे उतारने तक नहीं आया।
ग्रामीण ने तुरंत इस अमानवीय दृश्य का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। कुछ ही घंटों में वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण स्कूल के बाहर इकट्ठे हो गए और जमकर नाराजगी जताई।बच्चों ने बताई और भी हैरान करने वाली बातें जो बात और चौंकाने वाली थी—वह थी स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों की गवाही। बच्चों ने बताया कि
मैडम हमें पहले भी कुएं में लटकाकर डराती थीं… मारती भी थीं… बहुत डर लगता है…”
बच्चों की यह बात सुनकर ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया।स्कूल संचालक का विवादित बयान – “कुछ खास नहीं था… बच्चा नहीं पढ़ता था!”जब मीडिया ने स्कूल संचालक सुभाष शिवहरे से पूरे मामले पर सवाल किया तो उनका जवाब और मज़ीद चौंकाने वाला था।उन्होंने कहा—
बच्चा पढ़ता नहीं था… बस उसे डराने के लिए पेड़ से बांधा था… इसमें कुछ गंभीर नहीं है।”
उनका यह बयान ग्रामीणों और अभिभावकों में और ज्यादा आक्रोश पैदा कर गया।
शिक्षा विभाग हरकत में, मौके पर पहुँचे अधिकारी
वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल एक्शन लेते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी.सी. लकड़ा को मौके पर भेजा।
स्कूल का निरीक्षण किया गया पीड़ित बच्चे और कई अन्य छात्रों के बयान लिए गए
शिक्षिकाओं से पूछताछ की गई पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है बीईओ डी.सी. लकड़ा ने कहा
“ऐसी अमानवीय सजा किसी भी रूप में स्वीकार नहीं। जांच रिपोर्ट भेज दी गई है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”बच्चे की मानसिक स्थिति पर भी सवाल बच्चा काफी भयभीत बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने बच्चे को नीचे उतारकर उसके परिवार को सूचना दी। परिजनों ने भी स्कूल पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
एक नर्सरी के बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से इस तरह प्रताड़ित करना कानूनन अपराध है।मान्यता पर सवाल – ऐसे स्कूल कैसे चल रहे हैं?घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दिया है—
क्या शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों को बिना जांच-पड़ताल के ही मान्यता दे देता है?स्कूल परिसर में न तो सुरक्षा मानक थे, न ही बच्चों के लिए उचित सुविधाएँ। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्कूल में महीनों से ऐसे व्यवहार किए जा रहे थे, लेकिन किसी ने शिकायत करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
ग्रामीणों की मांग – स्कूल पर तत्काल कार्रवाई, संचालक पर FIR ग्रामीणों ने मांग की है—स्कूल की मान्यता तत्काल रद्द हो दोषी शिक्षिकाओं पर बाल संरक्षण कानून के तहत FIRस्कूल संचालक पर भी कड़ी कार्रवाई बच्चे की काउंसलिंग और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए एक नन्हे बच्चे पर ऐसा तालिबानी अत्याचार एक सवाल खड़ा करता है—क्या हम अपने बच्चों को स्कूल भेजकर सुरक्षित कर रहे हैं या उन्हें डर और हिंसा के बीच धकेल रहे हैं?यह घटना सिर्फ एक बच्चा नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की विफलता की तस्वीर पेश करती है।
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