दो सामुदायिक शौचालय बने कचरा घर — स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां!
वहीं डिपाडीह कलां की सरपंच गायत्री पैकरा ने कहा

बलरामपुर रवीन्द्र रवि(शंकरगढ़ जनपद, डिपाडीह कलां)
सरकार की “स्वच्छ भारत मिशन” योजना गांव-गांव में स्वच्छता और शौचालय सुविधा के लिए चलाई गई थी, लेकिन बलरामपुर जिले के डिपाडीह कलां गांव में यह योजना मज़ाक बनकर रह गई है। यहां बनाए गए दो सामुदायिक शौचालय अब कचरा घर में तब्दील हो चुके हैं।
गांव की महिलाओं का आरोप है कि इन शौचालयों में न तो सफाई होती है और न ही पानी की कोई व्यवस्था, जिसके कारण उनका उपयोग संभव नहीं है। मजबूरी में महिलाएं आज भी जंगल या खुले स्थानों पर शौच के लिए जाती हैं, जिससे स्वच्छता अभियान की जमीनी सच्चाई उजागर होती है।
स्थानीय महिला रेखा बाई ने बताया —
“शौचालय में गंदगी और बदबू इतनी होती है कि अंदर जाना मुश्किल है। पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए हम वहां नहीं जा पाते।”
वहीं डिपाडीह कलां की सरपंच गायत्री पैकरा ने कहा —
“पंचायत में बने दोनों सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्व सरपंच और सचिव द्वारा अधूरा छोड़ दिया गया था, जिसे अब पूरा करने की योजना बनाई जा रही है।”
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों को मौके पर जांच कर स्थिति का जायज़ा लेना चाहिए, ताकि गांव की महिलाओं को सुविधा मिल सके और योजना का उद्देश्य पूरा हो सके।
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