आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन माह से नहीं मिला पोषण आहार के पैकेट, कैसे मिटेगा कुपोषण?
कुपोषित बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा… आंगनबाड़ी केंद्र भी रोजाना नहीं खुल रहा… और पूरा सिस्टम अव्यवस्था की चपेट में है।

बलरामपुर विकासखंड के खडियादामर ग्राम पंचायत के बचवार पारा स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में पिछले सितंबर महीनों से पोषण आहार के पैकेट बच्चों तक नहीं पहुंचे हैं। इसके कारण कुपोषित बच्चों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि आंगनबाड़ी केन्द्र रोजाना भी नहीं खुल पा रहा है और भोजन वितरण पूरी तरह ठप हो गया है। इससे केंद्र की व्यवस्था और विभागीय जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार हर आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण आहार भेजने और स्वसहायता समूहों के माध्यम से भोजन वितरण कराने की व्यवस्था करती है। छोटे बच्चों को खिचड़ी और सत्तू से युक्त पोषण पैकेट नियमित रूप से दिए जाने का प्रावधान है। विभाग द्वारा हर पखवाड़े में पैकेट भेजे जाने चाहिए, लेकिन बचवार पारा के केंद्र में सितंबर से अब तक कोई पैकेट नहीं पहुंचा।
ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केन्द्र नियमित रूप से नहीं खुलता। शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी केवल औपचारिक कार्रवाई कर छोड़ देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब पोषण आहार मांगते हैं तो कार्यकर्ता यही जवाब देती है कि “ऊपर से तीन-चार महीने से पैकेट आए ही नहीं हैं, तो हम कहां से दें?”
बचवार पारा में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंजू यादव ने बताया कि केंद्र में वह अकेली कार्यकर्ता हैं, सहायिका भी नहीं है, जिससे प्रतिदिन केंद्र खोलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि सितंबर से पोषण आहार का सत्तू पैकेट सप्लाई नहीं हुआ है, जिसकी शिकायत वह कार्यालय में लिखित रूप से कर चुकी हैं, परंतु आज तक निराकरण नहीं हुआ।
वहीं, मामले पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने कहा कि उन्हें तीन-चार महीनों से पोषण आहार नहीं बांटे जाने और केंद्र नियमित नहीं खुलने की शिकायत मिली है, जो कार्यकर्ता की लापरवाही है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम गठित की जाएगी। यदि जांच में यह पाया गया कि केंद्र समय पर नहीं खुलता और तीन वर्ष तक के बच्चों व माताओं को पोषण सामग्री नहीं दी जा रही है, तो संबंधित कार्यकर्ता पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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