“राज्योत्सव की रौनक में छिपी सच्चाई—अटल परिसर अब भी उद्घाटन का मोहताज”
“25 साल के जश्न में ‘अटल परिसर’ अधूरा—भुगतान की उलझन में फंसी बलरामपुर की शान”

बलरामपुर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे प्रदेश में रजत जयंती राज्योत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बलरामपुर जिला मुख्यालय के हाई स्कूल प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने किया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्हीं की दूरदृष्टि से आज हमरा छत्तीसगढ़ अपनी अलग पहचान बना सका है।

परंतु विडंबना यह रही कि अटल जी के नाम पर बना अटल परिसर अब भी उद्घाटन की प्रतीक्षा में उपेक्षा का प्रतीक बन गया है। शहीद पार्क के सामने लगभग पूर्ण रूप से तैयार यह परिसर, जिसमें अटल जी की भव्य प्रतिमा भी स्थापित की जा चुकी है, अब तक केवल एक तिरपाल में ढका है। बताया जा रहा है कि परिसर का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है, केवल लाइटिंग का कार्य शेष है।
सूत्रों के अनुसार ठेकेदार ने कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती है। किंतु संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा समय पर भुगतान न किए जाने के कारण यह कार्य नहीं हो सका है यदि भुगतान समय पर हो जाता, तो यह परिसर राज्योत्सव के अवसर पर बलरामपुर की शान बन सकता था।
जनप्रतिनिधियों के लिए यह विचारणीय विषय है कि जब छत्तीसगढ़ अपने गौरव के 25 वर्ष का उत्सव मना रहा है, तब अटल जी की प्रतिमा जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया तिरपाल में ढकी रह जाए, यह जिले के सम्मान पर प्रश्नचिह्न है।
भुगतान न करने के पीछे एक बड़ा माया जाल बताया जा रहा है
यदि जिम्मेदार अधिकारी इस माया के जाल से मुक्त नहीं हुए, तो आने वाले दिनों में ऐसी उपेक्षाएं बलरामपुर की छवि पर धब्बा छोड़ सकती हैं। अब बलरामपुर के जनप्रतिनिधियों को इस और ध्यान देना होगा की अटल परिसर को वह सम्मान दिलाया जाए जिसके वह सच्चे हकदार हैं।
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