शान से उद्घाटन, शर्मनाक अंजाम! अटल परिसर की लाइटें कुछ ही दिनों में फेल
मंत्री ने धूमधाम से किया था लोकार्पण, कुछ ही दिन में रंग-बिरंगी लाइटें गुल जिम्मेदारों की अनदेखी या गुणवत्ता में भारी खामी?

अटल परिसर में अंधेरा कायम. अनावरण के कुछ दिनों बाद ही रंग-बिरंगी लाइटें हुईं गुल, जिम्मेदारों की बेपरवाही उजागर

बलरामपुर..मुख्यालय के हृदय स्थल कहे जाने वाले अटल परिसर में इन दिनों अंधेरा पसरा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर लगाई गई रंग-बिरंगी आकर्षक लाइटें अनावरण के मात्र दो से चार दिन बाद ही बंद हो गईं। जबकि इसका लोकार्पण प्रदेश के कृषि मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक रामविचार नेताम द्वारा बड़े ही धूमधाम से किया गया था।
लाखों रुपये की लागत से तैयार यह अटल परिसर शुरुआत में जिले की शान के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन कुछ ही दिनों में यह अंधेरे में तब्दील हो गया। सवाल यह उठ रहा है कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी लाइटें इतनी जल्दी खराब कैसे हो गईं?
जिम्मेदारों से इस बारे में पूछे जाने पर स्पष्ट जवाब नहीं मिल पा रहा है। न तो यह स्पष्ट है कि इसकी देखरेख किस विभाग के अधीन है और न ही यह कि रख-रखाव की जिम्मेदारी किसकी है। परिणामस्वरूप देश के महापुरूष अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा आज अंधेरे में खड़ी दिखाई दे रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरे मामले में लापरवाही और संभावित मिलीभगत की ओर संकेत करता है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि यहां के जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार नागरिक केवल मुक्द्रसक बनर बैठे हुए हैं ना ही नगर पालिका एवं शहरी क्षेत्र में विकास की और ध्यान दे रहे हैं लाखों की योजनाओं में गुणवत्ता की अनदेखी और रखरखाव की कमजोरी किस तरह सार्वजनिक धन को भट्टाचार की भेंट चढ़ाती है, अटल परिसर इसका ताज़ा उदाहरण बन गया है।अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस अनियमितता पर कार्रवाई करेंगे, या अटल परिसर यूं ही अंधेरे में डूबा रहेगा?
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