दर्द भरा रिश्ता, एक कमरे में बंद होकर खत्म हुई पूरी जिंदगी
जिस घर में बेटे की बीमारी के इलाज के लिए लड़ाई हुई — अब वहीं बेटे ने अपनी माँ को खो दिया, और वही बेटा अब अपने पिता को जेल में देखेगा —

बलरामपुर.विजयनगर चौकी क्षेत्र का वह शनिवार किसी आम दिन जैसा शुरू हुआ था। घर के आँगन में बच्चे खेल रहे थे, औरतें चूल्हे-चौके में व्यस्त थीं। पर उसी घर के भीतर चल रहा तनाव धीरे-धीरे एक खतरनाक रूप ले चुका था। पत्नी पिछले कई दिनों से अपने बीमार बेटे के इलाज की जिद कर रही थी।एक बार डॉक्टर के पास चल लो.बच्चा दिन-प्रतिदिन बिगड़ रहा है.उसकी यही बात पति को नागवार गुजर रही थी। उसे लगता था कि ये बात बार-बार कहकर पत्नी उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रही है — “तुम कमाते ही क्या हो?”शाम करीब पाँच बजे विवाद फिर तूल पकड़ गया। गुस्से में पति ने अंदर कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया। कमरे में उनकी गोद में बच्चा भी था। बाहर परिवार वालों को लगा — रोज का झगड़ा है, शांत हो जाएगा…पर अंदर हालात कुछ और थे।कुछ सेकंड बाद कमरे के अंदर से चीख आई —
पहला वार फिर दूसरा फिर लगातार फावड़े के प्रहार।पत्नी की चीखें पूरे घर में गूंज उठीं।पर दरवाज़ा बंद था।बाहर खड़े परिवार वालों ने धक्का देकर दरवाज़ा खोलने की कोशिश की, पर बेकार। उन्होंने पुलिस को बुलाया। पुलिस आई, दरवाज़ा तोड़ा गया अंदर की तस्वीर देखकर सब जड़ हो गए।फर्श खून से भरा था।बिस्तर पर बच्चा सिसक रहा था।और वहीं पत्नी निर्जीव पड़ी थी।
पुलिस ने मौके पर ही खून से सने आरोपी पति को पकड़ लिया।एसडीओपी बाजीलाल सिंह ने बताया कि आरोपी को उसी समय गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि “पत्नी इलाज की बात बार-बार करती थी, इसी बात पर गुस्से में वार किया।”जिस घर में बेटे की बीमारी के इलाज के लिए लड़ाई हुई —अब वहीं बेटे ने अपनी माँ को खो दिया,और वही बेटा अब अपने पिता को जेल में देखेगा —एक कमरे में हुए इस ताबड़तोड़ गुस्से ने पूरा घर बर्बाद कर दिया।
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