मृत बैल का मांस काटने के आरोप में दो गिरफ्तार —
ग्राम आमगांव नहर के पास मृत बैल को काटने की सूचना पर पुलिस की कार्रवाई।

बलरामपुर-रामानुजगंज।शंकरगढ़ थाना क्षेत्र से आई यह खबर दिल को झकझोर देने वाली है। जहाँ एक ओर इंसान और पशु के बीच करुणा और सह-अस्तित्व की परंपरा रही है, वहीं दूसरी ओर मृत बैल का मांस काटने का मामला सामने आना समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है।
ग्राम आमगांव निवासी आशीष कुमार गुप्ता ने 09 अक्टूबर 2025 को थाना शंकरगढ़ में सूचना दी कि ग्राम खरकोना निवासी रुकवा पहाड़ी कोरवा और ग्राम टिकनी निवासी कैलाश दिवाकर कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर ग्राम जमाडी के एक मृत बैल को आमगांव नहर के पास ले गए। बताया गया कि बैल को दफनाने के नाम पर ले जाया गया था, परंतु आरोपियों ने मांस काटकर बाँटने की कोशिश की।
जब ग्रामीणों ने यह बात सुनी तो उनके दिल दहल गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची, लेकिन पुलिस को देखकर आरोपी फरार हो गए। जांच के बाद घटना की पुष्टि होने पर थाना शंकरगढ़ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी — रुकवा पिता स्व. थुरवा, जाति पहाड़ी कोरवा, निवासी खरकोना कैलाश दिवाकर पिता स्व. पदुवा, जाति चमार, निवासी टिकनी
दोनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 5 व 10 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने आज दोनों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर भेजा है।ग्रामीणों का कहना है कि “जानवर चाहे जिंदा हो या मृत, उससे इस तरह का व्यवहार अमानवीय है। पहले लोग पशुओं को अपने परिवार का हिस्सा मानते थे, अब मानवीयता जैसे कम होती जा रही है।”यह घटना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के भीतर संवेदनाओं के क्षरण का भी संकेत देती है।आज जरूरत है कि हम करुणा, दया और जीवों के प्रति प्रेम को अपने भीतर फिर से जगाएँ — क्योंकि जब इंसान अपनी करुणा खो देता है, तो वह खुद अपनी मानवता भी खो देता है।
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