“गरीब की कमाई पर चला पद का जुल्म — आबकारी अफसर ने ठेलेवाले को पीटा, लोग बोले शर्मनाक”
“रोटी के लिए लड़ता रहा ठेलेवाला, पद की ताकत दिखाता रहा अधिकारी — बस स्टैंड में हंगामा”

बलरामपुर। जिले के बस स्टैंड परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब हाल ही में खुली शराब दुकान के पास आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक और एक स्थानीय व्यक्ति के बीच जमकर विवाद हो गया। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक नीरज साहू को एक व्यक्ति के साथ हाथापाई करते हुए देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति बस स्टैंड में चना का ठेला लगाकर जीविका चलाता था। शराब दुकान के पास ठेला लगाने को लेकर उपनिरीक्षक और ठेलेवाले के बीच कहासुनी हुई जो बाद में मारपीट में बदल गई।

घटना के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि एक विभागीय अधिकारी को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए थी। किसी गरीब व्यक्ति के साथ इस तरह हाथापाई करना और शारीरिक हिंसा करना कदापि उचित नहीं है।
पीड़ित व्यक्ति ने मीडिया से बातचीत में कहा —
“आबकारी उपनिरीक्षक ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, जमीन पर पटककर मारा और गला दबाया। मेरे शरीर पर चोट के निशान हैं।”पीड़ित ने कैमरे पर अपने घाव के निशान भी दिखाए, जो गंभीर नजर आ रहे थे।
वहीं, आबकारी उपनिरीक्षक नीरज साहू ने अपने बचाव में कहा —“मैंने किसी से मारपीट नहीं की है। मैं तो बस उसे गाड़ी में बैठा रहा था। उसने शराब दुकान के पास ठेला लगाया था, जिसे हटाने के लिए कहा गया था। इसी बात को लेकर गलतफहमी हुई और विवाद जैसी स्थिति बन गई।
अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या आबकारी विभाग के एक अधिकारी को अपने पद का उपयोग कर किसी आम नागरिक से मारपीट करने का अधिकार है?यदि किसी व्यक्ति से प्रशासनिक स्तर पर असहमति थी, तो क्या उसे कानून के दायरे में नहीं सुलझाया जा सकता था?
स्थानीय लोगों की मांग है कि घटना की निष्पक्ष जांच कर अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करने की हिम्मत न कर सके।
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